मेरी हालत
भीड़ भाड़ की इस दुनियामें
आज मै अकेला खड़ा हु
इस समय की रफ्तार के सामने
मैं बेबस होता जा रहा हु
दिन मै सबके साथ वक्त की जंजीरे तोड़कर
आगे बढ़ने की दौड़ मै लगा रहता हूं
पर कही ना कही उन्ही जंजीरो के सहारे
मैं अपनी यादो की खोज मै भटकता रहता हूं
इस दिल की मासुमियत
अब बस नाम केलिए रहे गई है
ना सासो का मोल भाव
बस दिखाने की चीज़ें बन गई है
आँसुओ का थो क्या है
वो कभी ना कभी थम ही जायेंगे
मेरी अस्ली पहचान की तरह
वो भी साथ छोड़कर आगे बढ़ जायेंगे
© Sohan Raut
आज मै अकेला खड़ा हु
इस समय की रफ्तार के सामने
मैं बेबस होता जा रहा हु
दिन मै सबके साथ वक्त की जंजीरे तोड़कर
आगे बढ़ने की दौड़ मै लगा रहता हूं
पर कही ना कही उन्ही जंजीरो के सहारे
मैं अपनी यादो की खोज मै भटकता रहता हूं
इस दिल की मासुमियत
अब बस नाम केलिए रहे गई है
ना सासो का मोल भाव
बस दिखाने की चीज़ें बन गई है
आँसुओ का थो क्या है
वो कभी ना कभी थम ही जायेंगे
मेरी अस्ली पहचान की तरह
वो भी साथ छोड़कर आगे बढ़ जायेंगे
© Sohan Raut
Related Stories