हज़ारों चाहतें थी मग़र
हजारों चाहतें थीं मगर, एक दिल की बात खास थी।
भीड़ में खो गए थे सब, बस वो एक एहसास थी।
चाहा था सितारों को छूना, चांदनी को गले लगाना,
मगर दिल को सुकून मिला, उसकी आँखों में ठहर जाना।...
भीड़ में खो गए थे सब, बस वो एक एहसास थी।
चाहा था सितारों को छूना, चांदनी को गले लगाना,
मगर दिल को सुकून मिला, उसकी आँखों में ठहर जाना।...