लफ्ज़ों का खेल!
हर शय ज़माने की फना होती है,
हर बात कहाँ लब से बयां होती है!
साहिब-ऐ-दिल हो तो जानते होगे ये भी,
दिल की तकलीफ कब लफ्ज़ों में बयां होती है!
बक़ौल उसे महसूस...
हर बात कहाँ लब से बयां होती है!
साहिब-ऐ-दिल हो तो जानते होगे ये भी,
दिल की तकलीफ कब लफ्ज़ों में बयां होती है!
बक़ौल उसे महसूस...