कई सवाल
एक कहानी थी
जो मिटा मिटा कर लिखती थी ।
खूबसूरत और हसीन
एक कोई नज्म थी
जो गुणगुनाया करती थी।
एक कोई ख़्वाब देखा
जो रोज सजाया करती थी
कहानी मिट ही गई
नज्म भूल गयी और अनसुनी रही
ख़्वाब अँधेखा कर दिया.
तब से अकेलेपन ने मेरा साथ दे दिया
रात की सियाह खुबसूरत लगने लगी
लोगो से डरने लगी, फिर चुप रहने लगी
खामोशी लोरिया सुनाने लगी
ख़ूबसूरत और हसीन
बाते चुबती है
उफ्फ़ ये लोग चुप क्यों नहीं रहते।
क्या कभी खामोशी इन्हे लोरी नहीं सुनाती
क्या जवाब देना जरूरी है
क्या मेरी खामोशी दास्तां बयान नहीं करती
किसने कहा बोलना आजादी है.
चुप रहना आज़ादी है
आबाद है वो लोग जो चुप है
मुर्दा हुए वो जो बोल रहे
क्या तानाशाही बर्बादी है
तो क्यों हर मुल्क और घर की यही कहानी है।
आबाद है वो लोग जो चुप है
मुर्दा हुए वो जो बोल रहे
क्या इंसान पर यकीन करना नादानी है।
जानी यही तो मेरी बरबादी की कहानी है
क्या सबकी तरह कंधे झुकाये
काम करने के लिए ही सारी जवानी है।
शायद थोरी देर ठाहर पाना आज़ादी है।
तोरी डेर थाहर जाओ
थोरे आंसू को बहने दो
थोरा वक्त बीत जाने दो
शहर की सभ्यता से दूर जंगलो में असभ्य बन जाओ।
जाओ ताकी ये दुनिया तुम्हारी आजादी की कहानी हो नौकरी की नहीं।
© ---AFNAN SIDDIQUE .
जो मिटा मिटा कर लिखती थी ।
खूबसूरत और हसीन
एक कोई नज्म थी
जो गुणगुनाया करती थी।
एक कोई ख़्वाब देखा
जो रोज सजाया करती थी
कहानी मिट ही गई
नज्म भूल गयी और अनसुनी रही
ख़्वाब अँधेखा कर दिया.
तब से अकेलेपन ने मेरा साथ दे दिया
रात की सियाह खुबसूरत लगने लगी
लोगो से डरने लगी, फिर चुप रहने लगी
खामोशी लोरिया सुनाने लगी
ख़ूबसूरत और हसीन
बाते चुबती है
उफ्फ़ ये लोग चुप क्यों नहीं रहते।
क्या कभी खामोशी इन्हे लोरी नहीं सुनाती
क्या जवाब देना जरूरी है
क्या मेरी खामोशी दास्तां बयान नहीं करती
किसने कहा बोलना आजादी है.
चुप रहना आज़ादी है
आबाद है वो लोग जो चुप है
मुर्दा हुए वो जो बोल रहे
क्या तानाशाही बर्बादी है
तो क्यों हर मुल्क और घर की यही कहानी है।
आबाद है वो लोग जो चुप है
मुर्दा हुए वो जो बोल रहे
क्या इंसान पर यकीन करना नादानी है।
जानी यही तो मेरी बरबादी की कहानी है
क्या सबकी तरह कंधे झुकाये
काम करने के लिए ही सारी जवानी है।
शायद थोरी देर ठाहर पाना आज़ादी है।
तोरी डेर थाहर जाओ
थोरे आंसू को बहने दो
थोरा वक्त बीत जाने दो
शहर की सभ्यता से दूर जंगलो में असभ्य बन जाओ।
जाओ ताकी ये दुनिया तुम्हारी आजादी की कहानी हो नौकरी की नहीं।
© ---AFNAN SIDDIQUE .