इन आंखों में ठहर गया हूं मैं ❤️
ये आंखें , मौन रहकर भी करती सब कुछ बयां।
फिर भी, वो थकान शाम की छुपा लेते हो कहां ??
कुछ तो लबों ने कह दिया...! बस
सुनने बातें, कुछ अनकही सी,
इन आंखों में ठहर गया हूं मैं।।
ये आंखें, गहरी समुंद्र सी, काजल जो...
फिर भी, वो थकान शाम की छुपा लेते हो कहां ??
कुछ तो लबों ने कह दिया...! बस
सुनने बातें, कुछ अनकही सी,
इन आंखों में ठहर गया हूं मैं।।
ये आंखें, गहरी समुंद्र सी, काजल जो...