...

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सपनो से बढ़कर
सपनो से बढ़कर,
और कोई सपना,
हो नही सकता
अपनो से बढ़कर,
और कोई अपना
हो नही सकता|

ऐ खुदा तू करले जूदा,
मुझको इस हसरत से,
नीट व मेडिकल से बड़ा,
और कोइ सपना
हो नही सकता

मुझे अपनी लेखनी,
को चलाने का शोक था,
जो बखूबी मैने निभाई,
ओ खूदा मुझे शिद्दत दे उस कदर,
कि मै अपने सपनो से ना हूँ,
दर -बदर

अपने परिवार व सपनो की रखले कदर,
ना हो तू ऐसे दर बदर,
अपनो से लड़कर ये मैने क्या किया,
मेरे अंदर जला दो ञान का दीया,
रंजीश मैने ही पाली,
ऐसे तो अंदर से हो जाउन्गा खाली

तुम्हारे सामने भरी,
मैने कविताओं की टोकरी,
अब करनी है तो,
बस एम.बी.बी़.एस नौकरी

उसके लिए यह छोड़कर,
जाना होगा रब,
बस ना रोकियो अब
© yeshu Goswami