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क्रांति और इश्क़
शहीद-ए-आजम 'भगत सिंह' को समर्पित
क्रांति का मतलब वो समझा गया,
मैं इश्क़ सिखाने आया हूँ,
इंकलाब का मतलब वो बतला गया,
मैं मोहब्बत पढा़ने आया हूँ !
आजादी का ख्वाब सजाकर,
फांसी को वो चूम गया,
उस आजाद वतन के,
मैं हालात बताने आया हूँ !
नारा देकर इंकलाब का,
क्रांति का अलख जगा गया,
उस क्रांति की चिंगारी को,
मैं दावानल बनाने आया हूँ !
क्रांति का मतलब वो समझा गया,
मैं इश्क़ सिखाने आया हूँ,
इंकलाब का मतलब वो बतला गया,
मैं मोहब्बत पढा़ने आया हूँ !
आजादी का ख्वाब सजाकर,
फांसी को वो चूम गया,
उस आजाद वतन के,
मैं हालात बताने आया हूँ !
नारा देकर इंकलाब का,
क्रांति का अलख जगा गया,
उस क्रांति की चिंगारी को,
मैं दावानल बनाने आया हूँ !
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