...

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वो जिसके होने से जिंदगी मेरी खुशनुमा होती है ।
वो जो मेरे गमों में मेरी शरीक ए हया होती है
वो जो मेरे हर किस्से में मुस्तकबिल बयां होती है
वो जो होती है तो हर दिन खुशनुमा मेरी सुबह होती है
वो जो नही होती तो रातें मेरी यूं ही तबाह होती है
जेहेनी रूप से जो करूं तारीफ उसकी तो कहां ही कर पाऊंगा
वो जो है वो कहां मेरे शब्दों में बयां होती है
मासूम सूरत उसकी ,आंखों में उसकी नादानी है
मुस्कुराहट चेहरे पर उसकी खुद खुदा की निशानी है
हमराह तो है वो मेरी ,हमदर्द भी है
कोई पूछे उससे यार कबसे वो मेरी हमनवा होती है ।
© Aryman Dwivedi