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कभी तुम नहीं मिलते
#शहरीदृश्यकाव्य
कभी तुम नहीं मिलते
ना तेरा कोई खत हीं आता है ।
जीवन का दस्तूर है साथी
एक बार मिलने जरूर हीं आता है ॥
पंछी बनकर उड़ा करे दिल
किसी के डालों पर बैठ ही जाता है ।
कहता नहीं है अपनी दिल की पीड़ा
जमीर को भी बता भी नहीं पाता है ॥
प्रेम वाहक है गरीबी
हर किसी का साथ नहीं निभाता है ।
दिल में दिल के आरमान होते हैं
पर दिल का रोग बढ़ भी जाता है ॥
© ✍️ विश्वकर्मा जी
कभी तुम नहीं मिलते
ना तेरा कोई खत हीं आता है ।
जीवन का दस्तूर है साथी
एक बार मिलने जरूर हीं आता है ॥
पंछी बनकर उड़ा करे दिल
किसी के डालों पर बैठ ही जाता है ।
कहता नहीं है अपनी दिल की पीड़ा
जमीर को भी बता भी नहीं पाता है ॥
प्रेम वाहक है गरीबी
हर किसी का साथ नहीं निभाता है ।
दिल में दिल के आरमान होते हैं
पर दिल का रोग बढ़ भी जाता है ॥
© ✍️ विश्वकर्मा जी
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