...

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मेरी जिंदगी का सबब तुझसे ही था |
भूल जाना तेरी आदत थी याद रखना मेरी फितरत थी ,
दूर जाना तेरी ख्वाहिश थी पास रहना मेरी जरूरत थी |

उम्र भर तुझे अपना कहना मेरी चाहत थी,
बीच सफर में छोड़ जाना शायद तेरी आदत थी |

किसी और की बाहों में बहक जाना तेरा शौक था ,
तुझे फिर भी बेइंतेहा चाहना शायद यही मेरा इश्क था |

तुझे इस कद्र चाहना मेरा कसूर था ,
लेकिन तुझपे किसी और की मोहब्बत का फितूर था |

दर्द, गम, भले ही हज़ारों मिले तुझसे ,
पर मेरी मुक्कम्मल जिंदगी का सबब तुझसे ही था |



© adhoore khwab