😊 सांझ 😊
सांझ को फिर निमंत्रण मिला है,
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम, है इंतज़ार किसका,
क्योंकि तुम्हारे लिए ही सूरज पिघला है।
रास्ते थोड़े कठिन होंगे, पर कोई...
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम, है इंतज़ार किसका,
क्योंकि तुम्हारे लिए ही सूरज पिघला है।
रास्ते थोड़े कठिन होंगे, पर कोई...