काश कोई ......
काश कोई समेट ले मुझे ,
अपनी बाहों में ......
कि अब और दर्द सहा नहीं जाता!
कितने जख्म मिले जमाने से,
ये कहा नहीं जाता.....!
कि कभी रो लेने दे ,...
अपनी बाहों में ......
कि अब और दर्द सहा नहीं जाता!
कितने जख्म मिले जमाने से,
ये कहा नहीं जाता.....!
कि कभी रो लेने दे ,...