पिता
पिता का बच्चों से जो नाता है
इतनी जल्दी कहाँ कोई ये समझ पाता है
बच्चा कहने में आजकल कहाँ शर्माता है
पापा मुझे स्कूल के लिए ये चाहिए था आप लाए नहीं ये कहकर वो बाप को हराता है
पिता रोज़ बाँधता है बच्चे के जूतों के फ़ीते
उसे स्कूल जाता देख वो अपने सारे ज़ख़्म है सीते
एक रोज़ मेरा बच्चा मेरा नाम करेगा
मुझसे भी ज़्यादा बड़ा ये काम करेगा
वही बच्चा बड़ा होकर किसी और का हो...
इतनी जल्दी कहाँ कोई ये समझ पाता है
बच्चा कहने में आजकल कहाँ शर्माता है
पापा मुझे स्कूल के लिए ये चाहिए था आप लाए नहीं ये कहकर वो बाप को हराता है
पिता रोज़ बाँधता है बच्चे के जूतों के फ़ीते
उसे स्कूल जाता देख वो अपने सारे ज़ख़्म है सीते
एक रोज़ मेरा बच्चा मेरा नाम करेगा
मुझसे भी ज़्यादा बड़ा ये काम करेगा
वही बच्चा बड़ा होकर किसी और का हो...