चाबियाँ
#खोईचाबियाँ
वह किनारा खोज रही हूँ
जो कभी मिलेगा ही नहीं,
वह प्यार दिल में बसाए हूँ
जो कभी मेरे लिए था ही नहीं,
मैं याद कर रही थी होकर
दुनिया से बेखबर,
उस तरफ देखा ही नहीं जो
ज़िंदगी लुटाये फिरता रहा रात भर,
न मालूम अनजाने...
वह किनारा खोज रही हूँ
जो कभी मिलेगा ही नहीं,
वह प्यार दिल में बसाए हूँ
जो कभी मेरे लिए था ही नहीं,
मैं याद कर रही थी होकर
दुनिया से बेखबर,
उस तरफ देखा ही नहीं जो
ज़िंदगी लुटाये फिरता रहा रात भर,
न मालूम अनजाने...