...

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🫠🙂
लोटे घर को बन कर मेहमान
अब न जाना दूर इन दिवारों से
सुन मां, देख तेरा लाल लोट आया
जो निकला था कमाने धन और सम्मान

यू तो कुछ दिन रुक कर वापस लोट जाऊंगा
तु आंसु पोंछ ले मां,
तु ज़िद छोड़ दे मां
मैं वापस लोट कर जरूर आऊंगा

थक गया है ये तेरी ओलाद
इस भीड़ में भागते-भागते
आ तु समेट ले आपने आंचल में
आखिर रोने का मन है मेरा सालो बाद

कुछ खिला दे मां अपने हाथों से
कुछ कहानी सुना दे
कुछ प्यार जाता दे
ठीक से सोया नहीं मैं कई रातों से

लोग मतलबी है सब के सब
आज पता चला क्यों कहती थी तु,
"बेटा बाहर तनी सम्हाल के कदम रखना
मेरी ओलाद की रक्षा करे रब।"