3 views
हर एक रोज एक नया दोस्त
हम गैरों से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे
हर एक रोज एक नया दोस्त बनाते रहे
मैंने नहीं देखे थे पर्दे के पीछे की सच्चाई
रोज पर्दे पर बनावटी किरदार निभाते रहे
धोखे बज दोस्तों से लाख गुना बेहतर ही
हर रोज़ एक ईमानदार दुश्मन बनाते रहे
मेरे दिल के एक कोने में दबें हैं कई राज
उससे दूर होकर हर एक राज छुपाते रहे
एक रोज वो मेरे गजल पर थिरकती रही
हम अपनी ही गजल पर आंसू बहाते रहे
कहानी सुनाने की हिम्मत नहीं किसी में
उस मौन खुदा को सारे किस्से सुनाते रहे..!!
balram barik 💔
हर एक रोज एक नया दोस्त बनाते रहे
मैंने नहीं देखे थे पर्दे के पीछे की सच्चाई
रोज पर्दे पर बनावटी किरदार निभाते रहे
धोखे बज दोस्तों से लाख गुना बेहतर ही
हर रोज़ एक ईमानदार दुश्मन बनाते रहे
मेरे दिल के एक कोने में दबें हैं कई राज
उससे दूर होकर हर एक राज छुपाते रहे
एक रोज वो मेरे गजल पर थिरकती रही
हम अपनी ही गजल पर आंसू बहाते रहे
कहानी सुनाने की हिम्मत नहीं किसी में
उस मौन खुदा को सारे किस्से सुनाते रहे..!!
balram barik 💔
Related Stories
7 Likes
0
Comments
7 Likes
0
Comments