...

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riha hona hai
कब तक पुरानी यादों के सहारे जिंदा रहूंगी
जो शिकारी के हाथों से न बच सकी वो परिंदा रहूंगी
मन का सैलाब उमड़ कर आंखों की दहलीज पर आ बैठा है या रब मुझे हिम्मत भेज
मुझे सच में इस दर्द से रिहा होना है