...

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सुनो
सुनो

गुजारी है मेने करवट
बदल बदल कर रात

मकान में अंधेरा मेरा
तस्वीरों से की बात

उसकी यादों ने एक पल
भी मुझे सोने नही दिया

छीन कर सुकून ओ करार
तड़पाया मुझे दिन रात

आ जाती नींद सुकून की तो
ख्वाबों मैं हो जाती मुलाकात

मुझे तलब तेरे मोहब्बत की
चाहता हु हर पल तेरा साथ