अहसास
कितना सुमधुर सा होता है वो अहसास मेरा हरपल हो जाता है ख़ास
जब मेरा पकड़ कर हाथ कहते हो कि,,,.. तुम सिर्फ मेरे हो
तब मेरे सांसों में होकर रवां पावन सुरभि से बहते हो जब अपना तुम मुझे कहते हो
जब मेरा पकड़ कर हाथ कहते हो कि,,,.. तुम सिर्फ मेरे हो
तब मेरे सांसों में होकर रवां पावन सुरभि से बहते हो जब अपना तुम मुझे कहते हो
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