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हे गालीवअपने दिल के दर्द को दिखा
हे गालीव
अपने दिल के दर्द को दिखा नहीं सकता हूं
रंगों जदा
छिपा नहीं सकता हूं
बड़ी मुश्किल में फंस गया हूं
अपने पन की घाव सहला नहीं सकता हूं
चैन सुकून सब खो गई है
थम सा गया हूं आगे कदम बढ़ा नहीं सकता हूं
अब करें क्या नजर बट्टू लगी है
पग भगा नहीं सकता हूं
उतर गए हैं रन में जो
पीठ दिखा नहीं सकता हूं
चाहे हालात जैसा भी लेकिन
गलत कदम बढ़ा नहीं सकता हूं
हे गालीव,,,,,

मर सा गया हूं
आंखों की किल को दबा नहीं सकता हूं
ऐसा लग है पंख कट गई है
ज्यादे फड़फड़ा नहीं सकता हूं
छोटी सी दुनिया में मन की अरमानों का
पहलु बता नहीं सकता हूं
हालात है जो भी हो जाए लेकिन
गलत फैसला हरगीस उठा नहीं सकता हूं
हे गालीव,,,,,,,

पता नहीं किस और ले जा रही है नियति
दो रोटी के लिए दगा नहीं कर सकता हूं
साहीले मंजिल पतंग उड़ भी जाएं
खौफ ज्यादा पतंग कटा नहीं सकता हूं
आंखों में...