...

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मेरे हालात..
काफी अरसे बाद बीबी ने आज प्यार से मुंह खोला,
हम समझ गए लगता है फिर गिरने वाला है कोई गोला।।
एक सोने का हार ले लो मंद मुस्कान से बोली,
हम बोले लो अब खाली होने वाली है अपनी झोली।।
बगल में बैठ हमारी तारीफ में पुलिंदे कसने लगी,
देख यह हमारी तो जान हलक में फंसने लगी।।
रह रह उसकी मांग दर मांग बढ़ने लगी,
सुन सुन सब चिंता मुझे जकड़ने लगी।।
खस्ता है हाल उसे यह कैसे समझाऊं!,
आग जैसे भड़क उठेगी क्या अब जतन उपाऊं!।।
खयाल उसकी नाराजगी की मन में खटकने लगी,
तंगी हालत मुंह फेर मुझ पर हंसने लगी।।
हालात मुंह फाड़ते हुए बोली हे!महरूम पति,
तुम्हें किस बात का रोना है।
सृष्टि की लीला यही,
पत्नी सेवा तो हर हाल में होना है।।
क्षण प्रतिक्षण तुम्हें यह अनमोल जहर पीना है,
तनाव पत्नी में ही तो तुम्हें जीना है।।।
written by(संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले..खुद की जुबानी..