हर सफेदपोश खानदानी का रंग उड़ गया
किताब ए जीस्त ज़फरानी का रंग उड़ गया
हर सफेदपोश खानदानी का रंग उड़ गया
उतरी एक धूप जो जीना जीना सीने पर
संदली आंचल के पानी का रंग उड़...
हर सफेदपोश खानदानी का रंग उड़ गया
उतरी एक धूप जो जीना जीना सीने पर
संदली आंचल के पानी का रंग उड़...