इतनी सिद्दत से मोहब्बत
आज ये सोच कर आश्चर्य हो रहा है की
कैसे कर लिया था मैंने इतनी सिद्दत से मोहब्बत
वो हसता था तो दुनिया हसीन लगती थी
रो देता था था मेरी जान निकलने लगती थी
हर गम कम पड़ जाते थे उसकी हसीं में
मैं हर दर्द भूल जाती थी उसकी ख़ुशी में
वो हर बार गलत होता था...
कैसे कर लिया था मैंने इतनी सिद्दत से मोहब्बत
वो हसता था तो दुनिया हसीन लगती थी
रो देता था था मेरी जान निकलने लगती थी
हर गम कम पड़ जाते थे उसकी हसीं में
मैं हर दर्द भूल जाती थी उसकी ख़ुशी में
वो हर बार गलत होता था...