...

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दिल....
दिल तो तोड़ चुके,
हमसे यूँ मुह मोड़ चुके,
करके बातें दीवानों से,
न जाने तुम कहाँ खो चुके,
तुम्हारी मोहब्बत का एक पहलू,
जिसमें मैं रेहलु,
तुम जैसा मस्ताना,
कर बैठा आशिकाना,
बन चुका दिवाना,
मेरे प्यार का अफसाना,
ऐसा हुज़ूर आबाद,
जो कर बैठा मुझे बर्बाद,
देकर दर्द इश्क़ का,
करने बैठा मुझसे फरियाद,
आने लगी उसकी ऐसी याद,
की भूल गए हम बाकी सारी बात,
अल्फ़ाज़ छाए पन्ने पर,
कलम और स्याही के संग,
ऐसा चड़ा कुछ तेरे इश्क़ का रंग.....

© Kashish Chandnani