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जीवन मझधार
#WritcoPoemPrompt75
Write a poem about the hardships of trying to achieve something.
मझधारों में फसे
हजारों चेहरे,
जीवन के खोजी से
जीवन धार में तैरे,
कुछ खुशियों की तलाश में,
कुछ जीवन अर्थ की अभिलाष में,
विपरीत धाराओं से
जंग में छिड़े,
कुछ रिश्तों से लड़े
कुछ रिश्तों के बोझ से दबे,
अर्थ की कमी में,
सम्मान की आस में,
क्या छोड़े, क्या जोड़े
क्या पाए, क्या खोए
अपने मन की जंग में
खुद से ही भिड़े...
अब थक चुके...
क्यू तैरे, ये भूल चुके
असंभव जब लौट जाना
ना उम्मीदी की उम्मीद में
निरंतर तैर रहे,
अब तो मौत आए
या किनारा आए...
मझधारो में फसे
हजारों चेहरे...
© @nn
Write a poem about the hardships of trying to achieve something.
मझधारों में फसे
हजारों चेहरे,
जीवन के खोजी से
जीवन धार में तैरे,
कुछ खुशियों की तलाश में,
कुछ जीवन अर्थ की अभिलाष में,
विपरीत धाराओं से
जंग में छिड़े,
कुछ रिश्तों से लड़े
कुछ रिश्तों के बोझ से दबे,
अर्थ की कमी में,
सम्मान की आस में,
क्या छोड़े, क्या जोड़े
क्या पाए, क्या खोए
अपने मन की जंग में
खुद से ही भिड़े...
अब थक चुके...
क्यू तैरे, ये भूल चुके
असंभव जब लौट जाना
ना उम्मीदी की उम्मीद में
निरंतर तैर रहे,
अब तो मौत आए
या किनारा आए...
मझधारो में फसे
हजारों चेहरे...
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