11 views
खुद कही...✨✨💫
"बड़ी" खामोशी से,
कलम का जोर देखा है।
कुछ पन्नों में,
जीवन का शोर देखा है।
साहिल फरेबी और मांझी लुटेरा,
जो सोचा न था,
वो दौर देखा है।
संस्कारों से कमाई वफ़ा की दौलत
बेवफा की आंखों में
चोर देखा है।
जब भी इस जहां में ,
मुझे समझा न कोई
मैंने तब- तब हे..."ईशान"
तेरी ओर देखा है।
अंधेरा रहा कई पहर जिंदगी में,
तेरी दया से मैंने,
भोर देखा है।।
🙏
© Tarun.k.pathak
Related Stories
13 Likes
3
Comments
13 Likes
3
Comments