इलाही ऐसी इनायत होगी
एक शाम होगी मलंग सी
हम एक दूजे संग मनाएंगे
दुनिया की रहबरी से दूर
हम शमा बेफ़िक्री की जलाएंगे
वफ़ा हमसे वाबस्ता होगी
हम जफ़ा फ़ना कर जाएंगे
एक रात हमारा रास्ता होगी
हम आरिश तक आज़माएंगे
यारा कभी हम...
हम एक दूजे संग मनाएंगे
दुनिया की रहबरी से दूर
हम शमा बेफ़िक्री की जलाएंगे
वफ़ा हमसे वाबस्ता होगी
हम जफ़ा फ़ना कर जाएंगे
एक रात हमारा रास्ता होगी
हम आरिश तक आज़माएंगे
यारा कभी हम...