...

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कुबूल कर
मेरे साथी मुझे कुबूल कर
मै जैसा हूं मुझे वैसा कुबूल कर
कसमें, वादे टूटें, कोई बात नही
मेरे ऐब मेरी गलतियां कुबूल कर
मेरे साथी मुझे कुबूल कर
मै जैसा हूं मुझे वैसा कुबूल कर।।
तू मेरा है, बस ये बात अच्छी है
तेरी बाहों में कटी रात अच्छी है
सफर जैसा भी हो बस तू साथ हो
तपन में आंसुओं की बरसात अच्छी है
मेरी हरकतें मेरा बचपना कुबूल कर
मेरे साथी मुझे कुबूल कर
मै जैसा हूं मुझे वैसा कुबूल कर।।
लोग जाते हैं तो जाएं, बस तू ठहर
मै सूखी क्यार हूं ऐ बादल तू ठहर
आसमा में धूप का मंज़र मजीद है
सर पे बन के चादर, बस तू ठहर
तू समंदर है मुझ नदी को कुबूल कर
मेरे साथी मुझे कुबूल कर
मै जैसा हूं मुझे वैसा कुबूल कर।।
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