भिन्नता का रहस्य
हर पैरों के नीचे जब हैं इक धरा,
फिर क्यों ये जग भिन्नताओं से भरा।
ये सवाल इक दिन अचानक दस्तक दे गया,
इसके सामने मैं भी नतमस्तक हो...
फिर क्यों ये जग भिन्नताओं से भरा।
ये सवाल इक दिन अचानक दस्तक दे गया,
इसके सामने मैं भी नतमस्तक हो...