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एक सफर।
एक सफर ऐसा भी है,
जहां अपने तो बहुत है,
पर करीब कोई नहीं।
एक सफर ऐसा भी है,
जहां समझाने वाले बहुत है,
समझने वाला कोई नहीं।
एक सफर ऐसा भी है,
जहां प्यार करने का दावा तो सभी करते हैं,
पर प्यार जताने वाला कोई नहीं।
यही तो सफर है ज़िंदगी का,
जहां लोग तो बहुत हैं,
पर 'अपना' कोई नहीं।
© RooHi
जहां अपने तो बहुत है,
पर करीब कोई नहीं।
एक सफर ऐसा भी है,
जहां समझाने वाले बहुत है,
समझने वाला कोई नहीं।
एक सफर ऐसा भी है,
जहां प्यार करने का दावा तो सभी करते हैं,
पर प्यार जताने वाला कोई नहीं।
यही तो सफर है ज़िंदगी का,
जहां लोग तो बहुत हैं,
पर 'अपना' कोई नहीं।
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