Ishq ka rang
इक रंग मोहब्बत का मैं तेरे नाम करता हूं,
ये ताज तो क्या?
ये जान भी इश्क-ए - हसीना तुझपे वार करता हूं,
गुफ्तगू जो दो पल की हमसे तुम कर लिया करोगे...
ये ताज तो क्या?
ये जान भी इश्क-ए - हसीना तुझपे वार करता हूं,
गुफ्तगू जो दो पल की हमसे तुम कर लिया करोगे...