वो जो कहता है कि इक दिन हाँ मुहब्बत होगी
वो जो कहता है कि इक दिन हाँ मुहब्बत होगी
संग दिल को भी तो महबूब की उल्फ़त होगी
फूल भेजा है जो ख़त में ये करम कैसा है
हाँ मिरे यार की अच्छी सी ही हालत होगी
मैं तो सोया हूँ घनी इश्क़ की चादर...
संग दिल को भी तो महबूब की उल्फ़त होगी
फूल भेजा है जो ख़त में ये करम कैसा है
हाँ मिरे यार की अच्छी सी ही हालत होगी
मैं तो सोया हूँ घनी इश्क़ की चादर...