चेहरा वो जब बेनूर हो जाता है
अक्सर पास आने वाला दूर हो जाता है।
इंसा जो अपने अहम में चूर हो जाता है।।
दरारें जब पड़ी भरोसे में अपनों के बीच।
तब साथ छोड़ने को मजबूर हो जाता है।।
रंगते आती जीवन मे और चली जाती हैं।
चेहरा वो एक दिन जब बेनूर हो जाता है।।
बेवजह चोट खाये को होता दर्द बेइंतहा ।
इलाज न हो तो ज़ख्म नासूर हो जाता है।।
कमाया क्या खोया कभी हिसाब न किया।
खोया वो जिसे माया का गुरूर हो जाता है।।
© ALOK Sharma
#gazal #Shayari #Life #Poetry #WritcoQuote #Love&love #humanity
इंसा जो अपने अहम में चूर हो जाता है।।
दरारें जब पड़ी भरोसे में अपनों के बीच।
तब साथ छोड़ने को मजबूर हो जाता है।।
रंगते आती जीवन मे और चली जाती हैं।
चेहरा वो एक दिन जब बेनूर हो जाता है।।
बेवजह चोट खाये को होता दर्द बेइंतहा ।
इलाज न हो तो ज़ख्म नासूर हो जाता है।।
कमाया क्या खोया कभी हिसाब न किया।
खोया वो जिसे माया का गुरूर हो जाता है।।
© ALOK Sharma
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