रोज इंतज़ार में जीता है
#दिनांक:-21/4/2024
#शीर्षक:-रोज इन्तजार में जीता है।
प्रेम प्रेम नहीं मॉगता,
खुशियों का पैगाम नहीं मॉगता।
ना रूलाना चाहता ना खुद रोना पसंद,
बात-बात पर परखना नहीं चाहता।
इंतजार करता है मौत के आखिरी दिन तक ,
इंतजार करता है प्रीति की हर रीति तक।
इंतजार करता है भविष्य के हर गीत तक,
इंतजार करता है मिलेगा जरूर मीत, मीत तक!!
जुडकर एक से फिर किसी से जुड़ता नहीं,
चल पडता प्रेम...
#शीर्षक:-रोज इन्तजार में जीता है।
प्रेम प्रेम नहीं मॉगता,
खुशियों का पैगाम नहीं मॉगता।
ना रूलाना चाहता ना खुद रोना पसंद,
बात-बात पर परखना नहीं चाहता।
इंतजार करता है मौत के आखिरी दिन तक ,
इंतजार करता है प्रीति की हर रीति तक।
इंतजार करता है भविष्य के हर गीत तक,
इंतजार करता है मिलेगा जरूर मीत, मीत तक!!
जुडकर एक से फिर किसी से जुड़ता नहीं,
चल पडता प्रेम...