...

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khwaab aakhon mein agar nhi hote
ख्वाब आखों में अगर नहीं होते
इतने आसान सफर नहीं होते।

बस वही संगसार होते हैं
जो इधर से उधर नहीं होते।

मौत हर एक बसर को आती है
सभी यहां अमर नहीं होते।

उड़ान का संकल्प अगर नहीं करते
तो मेरे भी आज पर(पंख )नहीं होते।

ख़्वाब होते nhi सभी पुरे
अगर वृक्ष पर समर नहीं होते।