...

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अब कैसे समझाऊं ❤️
सम्हाले रखा है तुम्हे दिल में ऐसे की
जैसे पुरखों का कोई खज़ाना छुपाए रखा है
सम्हाले रखें तुम्हारे दिए हर एक दुख सुख ऐसे
की जैसे मानो कोई कीमती तोहफा सजाए रखा है
कुछ सपने थे जो हम दोनो ने मिलकर देखे थे
तुम तो चली गई पर मैंने अब भी उन सपनों को खुद में बसाए रखा है
तुम फिर भी पूछती रहती हो हर दफा की मोहब्बत कितनी है
तो सुनो की लग गई थी तुम्हारे हाथो की मेंहदी एक दफा
मेरे सफेद कमीज पर
मैने धोने नही दिया इस लिबास को कभी भी
मैने उस दाग को अब तक शर्ट पर रचाए रखा