...

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नयी राह नयी पनाह
उठ खड़ा हुआ मैं आज फिर से अपने वजूद में
बहुत जी लिया उसके लिए जो अपनी थी ही नहीं
अलग राह लेकर चल पड़ा फिर से जी रहा अब खुद में

न सुध उसने ली मेरी न परवाह उसे
मिल गयी कोई...