...

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प्यार करते हो..?तो सिर्फ़ प्यार ही करो...!
प्यार करते हो, तो प्यार ही करो
दम घुट जाए वो दुलार नहीं चाहिए ,
पत्थर कि दुनियां में मुझे यूं ही रहने दो
कांटो सी चुभे ओ याद नहीं चाहिए,
इंशा हूं, इंशा ही रहने दो
देवो सी श्रद्धा-भक्ति नहीं चाहिए,
कुछ कड़वाहट भी सहने दो
खुद ज़हर बन जाय वो मिठास नहीं चाहिए,
नाज -वो -नखरे उनके ही नहीं
उनके जुल्फों के कम नहीं,
एक बार उलझे जो ये
सुलझाए से सुलझते नहीं
वो निगाहें इनायत क्या चाहिए
लबों रुखसार सा खिलना क्या चाहिए,
यूं धूप का देखा और अनदेखा किए
अंदाजे शरारत क्या चाहिए,
जहां पहुंच कर तुम ही खोने लगो
उस आसमां कि बुलंदी नहीं चाहिए,
प्यार करते हो तो सिर्फ़ प्यार ही करो
दम घुट जाए वो दुलार नहीं चाहिए....!