...

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ज़्यादा तो नहीं माँगा
मेरी मुस्कान में शामिल, तेरी मुस्कान हो जाए!
कि अक़्सर तुम मिलो मुझसे, सुबह से शाम हो जाए!
'कहीं भी','यूं ही','थोड़ा सा भी'चलना साथ हो जाए,
तो यूं खिल जाए दिल मेरा कि खुद पर नाज़ हो जाए
बता दे, ऐ मेरी किस्मत, तमन्ना पूरी होगी क्या?
सुकूँ थोड़ा सा मांगा है ,कि ज्यादा तो नहीं मांगा!!!

#डायरी के पन्नों से
© दीp