बेवफा सनम !!
मेरे मन क्यों बेचैन क्यों इतना तड़पाए ?
प्यार के धुन में मेरे मन में क्यों तेरा ही याद आए ?
दिल से तू खेल गया,
मुझको तू भूल गया,
फिर भी क्यों तेरे याद सताए ?
आज भी यह बात समझ ना आए !!
तुम अकसर यह बोला करते थे --
थोड़ी सी बुद्धु ,थोड़ी सी नासमझ हूं मैं !
सच कहा तुमने.......
इसीलिए नफरत की जगह सिर्फ मोहब्बत है तुमसे !
बेइंतेहा मोहब्बत की, जो इश्क जरूरी था खुद से !
सच कहा तुमने............
इसीलिए शायद बेवफा सनम बिछड़ने पर ;
आज भी दिल तड़पते हैं, आज भी लगते हैं रोने !!!
#hindipoem
#hindiquotes
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#WritcoQuote
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© Gargi Mishra
प्यार के धुन में मेरे मन में क्यों तेरा ही याद आए ?
दिल से तू खेल गया,
मुझको तू भूल गया,
फिर भी क्यों तेरे याद सताए ?
आज भी यह बात समझ ना आए !!
तुम अकसर यह बोला करते थे --
थोड़ी सी बुद्धु ,थोड़ी सी नासमझ हूं मैं !
सच कहा तुमने.......
इसीलिए नफरत की जगह सिर्फ मोहब्बत है तुमसे !
बेइंतेहा मोहब्बत की, जो इश्क जरूरी था खुद से !
सच कहा तुमने............
इसीलिए शायद बेवफा सनम बिछड़ने पर ;
आज भी दिल तड़पते हैं, आज भी लगते हैं रोने !!!
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