...

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sirf tum
तेरे आगे ही मेरा सर झुकता है
जीवन के हर सफर में
मुझे तुम्हारे साथ ही चलना है
तेरी हर चाह तेरी हर एक रुह
मुझ में निरंतर बनी रहती है
तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है दूजा
मैं तो बस तेरी ही चाहत बनी रहू
जिधर भी देखूं
तुम ही नजर आते हो
जहाँ भी जाऊँ तुम ही तुम हो
बस इतना ही कहना है मुझे
कि मेरे बस तुम हो
और कोई ना दूजा

© nikshu