...

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"क्यों डरें उलझनों से"
क्यों डरें उलझनों से,
है जब मन में हिम्मत का सैलाब..!

खुली आँखों में रखते हैं,
हम जग जीतने का ख़्वाब..!

काँटों की दुनिया है जानी,
महकता मन है...