प्यार की फुहार
हंसी नहीं प्यार की फुहार हूं ,सौ लोगों के बीच जीत कर भी हार हू
दूर हो तुम इतने चाह कर भी मैं लाचार हूं
एहसास करके ही जी भर लेती हू
आवाज सुनकर ही मुस्कुरा देती हू।
दूर हो तुम इतने चाह कर भी मैं लाचार हूं
एहसास करके ही जी भर लेती हू
आवाज सुनकर ही मुस्कुरा देती हू।