...

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हर गम बांट लेते है
हर गम बांट लेते हैं
वो हमारा दर्द बांट लेते है
कैसे कहें वो हमारा प्यार ना लेते हैं,
जो दी न हमने अब तक
कैसे वो कसम बांट लेते हैं,
जुस्तजू हो या दिल का साज़
हर बात जान लेते हैं,
हर गम बांट लेते हैं
वो हमारा दर्द बांट लेते हैं,
हर इबादत का इल्म नहीं उनको
फिर भी एहसान मान लेते हैं,
मुलाकात हो ना हो
पर यादों से दिन काट लेते हैं,
हर गम बांट लेते हैं
वो हमारा दर्द बांट लेते हैं,
किस्मत का लिखा अंजाम हो
या खुदा का दिया हुआ गम
हर तकलीफ बांट लेते हैं,
कैसे कहें, वो हमारा प्यार ना लेते हैं।।