...

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मिलता हे सुकुन बस मयखानेमे
जिन्दगी बित रहि हे जिन्दगीको बनानेमे
हम भि थे शामिल ऐ बेवफा तेरे दिवानेमे

क्या सुनाउ हाल ऐ दिल हम जैसे टुटे दिल
बालोको मिलता हे सुकुन बस मयखानेमे

दिल लगाना लगाके तोडना तेरि आदत हे
हो गया गल्ती मुझ नासम्झसे अनजानेमे

तु झुठी तेरा प्यार झुठा झुठी कसमेवादे थे
तु ने छोडी ना कोई कसर मुझे दफनानेमे

तेरि जैसी बेवफा लैलाके लिए मुझ जैसे
मजनुओको मारते हे लोग पत्थर जमानेमे

कंकरको पुजता तो मै शंकरको पा लेता
गर खोया ना होता मोह-मायाके खजानेमे