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पिवजी परदेशा बैठ्या ( Rajasthani holi geet )
पिवजी तो परदेशा बैठ्या गौरीडी थारी बिलखै हो....2
फागण महीनों बेरी म्हारे 2, अग्न लगावे रे....
बेगा आवो रे
बेगा आवो रे साहब जी थारी गौरडी उड़ीके जी
बेगा आवो रे
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पिवरिया में साथणिया संग लूरा लेवण जाती जी 2
नयों नवेलो सासरों म्हारो 2, किण सागै जाऊं रे....
बेगा आवो रे
बेगा आवो रे साहब जी थारी गौरडी उड़ीके जी
बेगा आवो रे
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आड़ोसण - पाड़ोसण म्हास्यूं डोड्या बोल बोलै जी 2
सास ननद मेरी घणी खोडली 2, ना हेत जतावे रे....
बेगा आवो रे
बेगा आवो रे साहब जी थारी गौरडी उड़ीके जी
बेगा आवो रे
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सूनों - सूनों फागण बीत्यों सूनीं बीती होळी जी 2
काया म्हारी सूनी पड़ जावे 2 , इतनी देर ना लावो रे....
बेगा आवो रे
बेगा आवो रे साहब जी थारी गौरडी उड़ीके जी
बेगा आवो रे