आखिरी मुलाकात
आज मेरी मुझसे बात हुई
एक यादगार मुलाकात हुई
मैंने न कोई सवाल किया
और न कोई मिला जवाब मुझे
था चहुं ओर एक अनहद शोर
सूरज चढ़ा, हो गई थी भोर
पर मेरी आँखें न खुली थी
मेरे मन मे एक खलबली थी
ये इतने लोग क्यों हैं मेरे पास
कुछ चेहरे हैं सच मे उदास
कोई आंख नम हो रही है
मेरी माँ बिलख कर रो रही है
पापा तस्वीर से झांक...
एक यादगार मुलाकात हुई
मैंने न कोई सवाल किया
और न कोई मिला जवाब मुझे
था चहुं ओर एक अनहद शोर
सूरज चढ़ा, हो गई थी भोर
पर मेरी आँखें न खुली थी
मेरे मन मे एक खलबली थी
ये इतने लोग क्यों हैं मेरे पास
कुछ चेहरे हैं सच मे उदास
कोई आंख नम हो रही है
मेरी माँ बिलख कर रो रही है
पापा तस्वीर से झांक...