...

6 views

पूस की रात


बह रही शीतल पवन ,
पूस की ये रात सजी
सूरज पर प्यार उमर रहा,
अंतर्मन खोने लगा ,
प्यार तुम संग होने लगा ,

सांझ ढलती है देखो ,
कोहरे की चादर संग ,
विस्मय होकर मैं ,
राह तकती में प्रिय ,
शूल सी बह रही हवाएं ,
दिल को कहीं भेद रही ,
बह...