गज़ल
अब तो मौसम भी बेअसर सा है,
बिन तेरे दिल ये बेखबर सा है।
डूब जाता है दिल कहीं इनमें,
तेरी आंखों में इक भंवर सा है।
भूल जाना उसे कहां...
बिन तेरे दिल ये बेखबर सा है।
डूब जाता है दिल कहीं इनमें,
तेरी आंखों में इक भंवर सा है।
भूल जाना उसे कहां...