10 views
जब अंबर से मिला समंदर होगा
क्या खूब वो मंज़र होगा
जब अंजुली में सितारे
और बांहों में समंदर होगा
जब सोने-सी छनती रेत में घुला
मोती-सा चमकता अंबर होगा
जब मिलेंगे पंछियों के नैनों से
मछलियों के चंचल नैन
डूबेगा नहीं सूर्य, काटेगा जल में ही रैन
क्या खूब वो मंज़र होगा
जब लहरों से मिला बदलों का पुरंदर होगा
जब क्षितिज़ पर नहीं,
धरती पर ही मिलन होगा
तारें चमकेंगे जल में,लहरों का ताज स्वयं चंदर होगा
क्या खूब वो मंज़र होगा
जब अंबर से मिला समंदर होगा
© Anirya
जब अंजुली में सितारे
और बांहों में समंदर होगा
जब सोने-सी छनती रेत में घुला
मोती-सा चमकता अंबर होगा
जब मिलेंगे पंछियों के नैनों से
मछलियों के चंचल नैन
डूबेगा नहीं सूर्य, काटेगा जल में ही रैन
क्या खूब वो मंज़र होगा
जब लहरों से मिला बदलों का पुरंदर होगा
जब क्षितिज़ पर नहीं,
धरती पर ही मिलन होगा
तारें चमकेंगे जल में,लहरों का ताज स्वयं चंदर होगा
क्या खूब वो मंज़र होगा
जब अंबर से मिला समंदर होगा
© Anirya
Related Stories
12 Likes
4
Comments
12 Likes
4
Comments